A Boy smiling looking handsome with background of CRPF HCM Posting

CRPF HCM Posting kaha hoti hai | My first Posting in Srinagar | My Real success Story 2023

यह मेरी CRPF HCM Posting की कहानी है जो कि बिल्कुल सत्य है। जब मैंने CRPF HCM का फार्म भरा था तो मुझे खुद को ही यकीन नहीं था कि मैं सेलेक्ट हो जाऊंगा आखिरकार मेरा मेरिट लिस्ट में नाम आ ही गया और मैं बहुत ही खुश हुआ, फिर मेैं इंटरनेट पर हमेशा देखता रहता कि कब मेरी ज्वाइनिंग आयेगी और मैं कब CRPF ज्वाइन करूंगा। मैंने अपने मोहल्ले के पोस्टमैन से भी अच्छी खासी मुलाकात कर ली थी और हमेशा पोस्ट ऑफिस के चक्कर लगाता रहता था और पता करता था कि मेरा ज्वाइनिंग लैटर आया कि नहीं।

मैंने पोस्टमैन का मोबाइल नम्बर अपने मोबाइल में फीड कर लिया था। मेरा बचपन से ही कंप्यूटर में ज्यादा दिमाग लगा रहता था। मेरे पापा जी ने मुझे ज्वाइनिंग से एक महीने पहले ही एक डेस्कटॉप कम्प्यूटर खरीद कर दिया था और कुछ ही दिन बाद मेरी ज्वाइनिंग आ गयी थी जिस वजह से वह कंप्यूटर आज भी ऐसा ही पड़ा हुआ है उसे कोई चलाने वाला नहीं है जब मैं घर छुट्टी लेकर जाता हूं तो मैं ही चला लेता हूं।

जब मुझे मेरा ज्वाइनिंग लैटर प्राप्त हुआ-CRPF HCM Posting

एक दिन मेरे मोबाइल पर उसी पोस्टमैन की कॉल आयी उसने बोला-

हैलो आप अनुज कुमार जी बोल रहे हैं।

मैं- हां अनुज बोल रहा हूं, क्या हुआ

पोस्टमैन- आपका CRPF से ज्वाइनिंग लैटर आया है, आप कहां है इसे रिसीव कर लीजिये

मैंने कॉल को काटा और गिरते भागते हुए चड्डी में ही गेट के बाहर आ गया और उस पोस्टमैन को देखा उसने मुझे वह लैटर दिखाया जिस पर लिखा था “भारत सरकार सेवार्थ” मैंने बोला लाइये कहां साइन करना है। वह बोला कि ऐसे नहीं दूंगा ज्वाइनिंग लैटर कुछ खिलाना पड़ेगा फिर मैंने कहा बताओ क्या खाओगे, उसने कहा कुछ भी चलेगा। तब तक मेरे पापा भी वहां पहुंच चुके थे उन्होंने मेरे भाई को 500 रुपये दिये और कहा जाओ मिठाई लेकर आओ, मेरा भाई मिठाई लेकर आया मैंने उस पोस्टमैन को घर के अन्दर बुलाकर पंखे के नीचे बिठाया और वह मिठाई का डिब्बा उसे दिया और 501 रुपये भी दिये ।

वह बहुत ही खुश हो गया था क्योंकि पोस्टमैन की नौकरी ऐसी ही होती है कि वह बेचारा धूप में डाक बांट रहा था । मैंने ज्वाइनिंग लैटर हाथ में लिया और अपने पापा के पैर छुए और उस लैटर को खोला उसमें लिखा था “CRPF में हवलदार मंत्रालय पद हेतु नियुक्ति प्रस्ताव पत्र” उस लैटर में कुछ दिशा निर्देश भी दिये गये थे और उसके साथ दो-तीन फार्म भी थे जिसमें लिखा था कि इनको भरवाकर ग्रुप केन्द्र में रिपोर्ट करें। सभी लोग बहुत खुश थे। अब मैं ये सोच रहा था कि आखिर ज्वाइन कब करना है क्योंकि उस ज्वाइनिंग लैटर में कोई दिनांक नहीं दी गयी थी कि आपको कब ज्वाइन करना है उसमें बस यही लिखा था 20 दिनों के अन्दर आप ज्वाइन कर सकते हैं।

मेरे मोहल्ले में जो लोग सरकारी नौकरी के फार्म वगैरह डालते रहते थे मैंने उनको वह फार्म दिखाये और जानकारी ली कि मैं कब ज्वाइन करूं उन्होंने मुझे बताया कि जितना जल्दी आप ज्वाइन करोगे उसी दिन से आपकी सैलरी मिलना शुरू हो जायेगी और आपकी सीनियरिटी भी उसी दिन से काउंट होगी, तो मैंने ठान लिया था कि मैं जल्दी ही ज्वाइन करूंगा। मेरे मोहल्ले में एक अंकल रहते हैं जो कि राजस्व विभाग में कार्य करते हैं मैंने उनको भी वह लैटर दिखाया उन्होंने उन फार्मों को भरवाया और तहसीलदार से भी हस्ताक्षर करवा दिये थे। मेरे घरवाले सभी बहुत खुश थे मेरी मां ने घी, कपड़े , आचार, खाने का सामान आदि बिस्तर वगैरह सभी कुछ एक बैग में रख दिये थे अब टाइम आ गया था मुझे घर छोड़ने का।

जब मैंने ज्वाइन करने के लिये अपना घर छोड़ा-CRPF HCM Posting

मेरा भाई और मेरा एक दोस्त मेरे साथ मुझे ग्रुप सेंटर तक छोड़ने के लिये मेरे साथ आये थे। मैंने पहले सी ही तीन लोगों का ट्रेन में रिजर्वेशन करवा लिया था , मैं, मेरा भाई और मेरा दोस्त। वह दोस्त आज CRPF में सिपाही के पद पर श्रीनगर में तैनात है। जब में ग्रुप सेंटर के मैन गेट पर पहुंचा तो वहां पर एक सिपाही ड्यूटी कर रहा था उसने मुझसे पूंंछा कि कहां जाना है। मैंने कहां ज्वाइन करने आया हूं वह बोला किस पोस्ट पर, मैंने कहा- HCM उसने बोला अरे बाबू हो आओ यहां बैठो उसने मुझसे बैठने के लिये कहा , मेरा भाई बैग साथ में ले रखा था दोस्त भी साथ में ही था।

हम तीनों लोग ग्रुप सेंटर के अन्दर आ चुके थे, वहां पर एक महिला कर्मचारी भी बैठी थी उसने मुझसे कहा कि आपकी कितनी उम्र है मेंने कहा 20 वह बोली बहुत जल्दी नौकरी पा ली है इससे पहले क्या करते थे वह ऐसे ही प्रश्न पूंछती रही और मैं जबाव देता रहा। फिर उसने कंट्रोल रूम में फोन किया और बताया कि एक लड़का ज्वाइनिंग करने आया है तो कंट्रोल रूम से बताया गया कि मुझे मैन ऑफिस में भेज दिया जाये। उस महिला ने बोला कि आपको मैन ऑफिस जाना होगा उसने पूंछा कि मैन ऑफिस देखा है मेैंने कहा नहीं फिर उसने एक सिपाही को मेरे साथ भेजा और उसने बताया कि वहां केवल आप ही जा सकते हैं आपके भाई नहीं जा सकते फिर मैंने अपने भाई के पैर छुये औऱ वहां से दोस्त से हाथ मिलाया और वहां से एक सिपाही के साथ मैन ऑफिस की ओर निकल पड़ा।

ऑफिस में पहुंचने पर मुझसे एक एप्लीकेशन लिखवाया गया कि मैंने दी गयी दिनांक के अन्दर ही रिपोर्ट कर दिया है मुझे CRPF ज्वाइन करने की अनुमति प्रदान करने की कृपा की जाये। फिर मुझे सभी ब्रांचों में घुमाया गया और सभी से मेरा परिचय करवाया गया। उसके बाद मुझे सभी अधिकारियों से मिलवाया गया और सबसे पहले मुझे वहां के DIG सर से मिलवाया गया था और जिस जिस से भी मुझे मिलवाया गया सबका एक जैसे ही प्रश्न थे कहां से हो माता पिता क्या करते हैं, टाइपिंग स्पीड कितनी थी आदि। फिर मेरा सर्विस बुक बनायी गयी जिस पर मेरे हाथ की पांचो उंगलियों के निशान लिये गये फिर मुझे एक फोर्स नम्बर दिया गया और बताया गया कि आज से इस नम्बर को भूलना मत इसी नम्बर से तुम्हारी पहचान होगी।

A Beautiful background of Kashmir with CRPF HCM Posting
CRPF HCM Posting

तब तक लंच का टाइम हो गया था मैंने पूंछा सर खाना कहां खाना है वहां पर 2-3 HCM पहले से ही थे सर ने उनसे मेरी मुलाकात करवा दी थी और उन्ही को बता दिया था कि मुझे बताया जाये कि खाना कहां खाना है फिर हम तीन चार लोग मैस में खाना खाने चले गये उसके बाद दो बजे फिर ऑफिस में आ गया । पहला दिन तो ऐसे ही निकल गया शाम को मैंने सर से पूंछा सर सोना कहां है उन्होंने एक सिपाही को मेरे साथ भिजवाया औऱ मुझे एक चारपाई जारी करवाई वहां स्टोर में बहुत सारी चारपाई रखी हुई थीं वहां से मुझे एक चारपाई दी गयी। शाम को मैंने अपनी बैरक में चारपाई लगायी औऱ लेट गया देर रात तक फोटो वगैरह फेसबुक पर डाला चैट किया आदि।

अगले दिन फिर ऑफिस पहुंचा तो मुझे वेतन शाखा में एक हवलदार के साथ असिस्टेंंट के तौर पर लगा दिया गया वहां में थोड़ा बहुत काम में मदद करवा दिया करता था हालांकि मुझे वहां आता कुछ भी नहीं था लेकिन जो हमारे सर लोग बोल देते थे वही हम लोग कर देते थे। फिर अगले दिन एक चपरासी आया ओर बोला कि मुझे नीचे बुलाया गया है, मैं पहुंचा तो देखा कि एक HCM और ज्वाइन करने आया था और सर ने मुझे इसीलिये बुलाया था कि मैं उसको बता सकूं कि मैं कहां खाना खाता हूं आदि फिर सर ने मुझसे बोला कि आपकी ड्यूटी ये है कि आप इनको अपने साथ रखेंगे और चारपाई जारी करवायें, मैं बहुत खुश हो गया था कि आखिर कोई तो साथ में रहने वाला आया उस लड़के का नाम था बबली राम। वह राजस्थान का रहने वाला था ।

हम लोग ऑफिस से निकलकर चारपाई जारी करवाने के लिये स्टोर चले गये वहां से उसे चारपाई दिलवायी फिर हम लोग साथ में खाना खाने चले गये। इसी प्रकार तीसरा दिन भी निकल गया। ऐसे ही करके 10 HCM ने ज्वाइन किया एक एक दिन बाद सभी लोग आ गये। अब बारी आयी हम लोगों की पोस्टिंग की । हमें बताया गया कि 10 दिन बाद आपको अपनी बटालियन में जाना है। हम लोगों को बताया गया कि हमारी पोस्टिंग कहां हुई है। हम टोटल 10 लोगों ने ज्वाइन किया था जिसमें से 09 लोगों को श्रीनगर पोस्ट किया गया। अब हम सभी लोग बहुत ही खुश हो रहे थे कि चलो श्रीनगर चलेंगे बर्फ में खेलेंगे मजा आयेगा ।

हमारा श्रीनगर तक का सफर

आखिरकार वह दिन भी आ गया जब हम लोगों की बस हमारे बैरक के सामने हम लोगों को स्टेशन तक छोड़ने के लिये लग गयी थी हम लोगों ने अपना सारा सामान उस बस में लोड किया और फिर उस बस ने हमें रेलवे स्टेशन तक छोड़ा। एक ट्रेन थी जिसमें हम लोगों की सीट पहले से ही सरकार की तरफ से बुक कर दी गयी थी उस ट्रेन का नाम था सियालदाह एक्सप्रेस हम सब लोग उस ट्रेन में बैठे और ट्रेन चलने लगी।

हम लोग AC-3 डिब्बे में बैठे थे काफी घंटे ट्रेन में बैठने के बाद सभी बोर होंने लगे फिर हमारे साथियों ने ताश की गड्डी निकाली और वे लोग ताश खेलते रहे मुझे नींद आ गयी। रात भर ट्रेन चलती रही जब मेरी आंख खुली तो पाया कि ट्रेन जालंधर पहुंच चुकी थी औऱ वहां पर बहुत भीड़ थी । मैंने मुंह धोकर नाश्ता किया फिर ट्रेन से बाहर की तरफ देखने लगा ट्रेन थोड़ी देर बाद फिर चलने लगी फिर वहां मैं पंजाब की धरती पर उगने वाली फसल को देखता रहा वहां के लोग कैसे रहते हैं सब उस ट्रेन खिड़की से दिख रहा था ट्रेन चल रही थी और छोटे छोटे गांव आ रहे थे कोई बैल नहला रहा है, कोई महिला खेत में कार्य कर रहीं थीं बहुत ही अच्छा मंजर लग रहा था क्योंकि मैं पहली बार अपने जिला इटावा से बाहर आया था।

इससे पहले में कभी भी बाहर नहीं गया था और जब गया तो सीधा कश्मीर। देखते देखते दोपहर के 2 बज गये और हमारी ट्रेन जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पर पहुंच गयी। हम लोगों का एक कमाण्डर भी था उसका नाम था लक्ष्मण उसने हम लोगों को बताया सभी लोग यहीं उतरेंगे इससे आगे ट्रेन नहीं जायेगी, मैंने कहां क्यों वह बोला कि ये लास्ट स्टेशन से इसके बाद ऊंचाई शुरू हो जाती  है और पहाड़ी एरिया है ट्रेन नहीं जाती है। फिर हम सब लोगों ने अपना सामान उतारा औऱ सब लोग रेलवे प्लेटफार्म पर खड़े हो गये।

My first CRPF HCM Posting on Jammu Tawi Railway Station
CRPF HCM Posting

हमारे साथ जो कमाण्डर था उसने कंट्रोल रूम में फोन किया फिर हमे एक बस लेने के लिये रेलवे स्टेशन आ गयी थी। उस बस में हमने अपना सामान लोड किया फिर उसने हमे ट्रांजिट कैम्प में उतारा । CRPF का एक ट्रांजिट कैम्प है जम्मू में । श्रीनगर में पोस्टेड सभी कार्मिक इसी ट्रांजिट  कैम्प से होकर जाते हैं। उस ट्रांजिट कैम्प में हम लोग 3-4 दिन रहे फिर हमें वहां से बस में श्रीनगर भेजा गया। पहली बार में ऐसा नजारा देखा था पहाडियों के बीच में टेड़े मेड़े रास्तों से होकर जाने वाली बसे कैसे कश्मीर की वादियों से होकर गुजरती थी नजारा देखने लायक था।

हम लोग दिन भर चले रास्ते में जगह जगह पर बस रुकती भी थी वहां पर जाम काफी लगा था फिर एक गुफा पड़ी जिसका नाम था जवाहर सुरंग । जनवरी का समय था जब हम सुरंग में घुसे तो बर्फ बहुत ही कम थी जब सुरंग पार ली तो देखा कि ट्रक के ट्रक बर्फ में डूबे हुए हैं इतनी बर्फ पड़ी हुई थी मैंने पहली बार बर्फ को देखा था। फिर एक जगह बस होटल पर रुकी वहां पर मैंने बर्फ को हाथ में उठाकर देखा सेम टू सेम ऐसी ही बर्फ होती है जैसी हमारे यहां ठेले पर बेंची जाती है। फिर रात के 1 बजे हम लोग अपनी बटालियन में पहुंच गये। वहां पर रिक्रियेशन रूम में हम लोग सोये और सुबह हमें एक रूम दे दिया गया फिर हम अपने बटालियन के ऑफिस में गये वहां सभी से मुलाकात की फिर हमारे हैड सर ने हमें कमाण्डेंट से मिलवाया वहां पर फिर हम लोग धीरे धीरे उस बर्फ वाले  इलाके में सैटल हो गये।

दोस्तों ये पोस्ट CRPF HCM Posting के बारे में थी या कहें मेरी ज्वाइनिंग से श्रीनगर तक की पोस्टिंग का सफर। अगली कहानी में आपको यह बताऊंगा कि मेरी नौकरी श्रीनगर में कैसी रही, अगर आपको यह कहानी अच्छी लगी हो तो कृपया कमेंट कर के जरूर बतायें और यदि आपके पास भी ऐसी ही कोई मजेदार कहानी है कि जैसे कि आपने कैसे तैयारी की और कैसे अपने मुकाम तक पहुंचे, ऐसी कहानियों को हमारे साथ शेयर कीजिये या हमें ईमेल कीजिये हम आपकी कहानी को इस बेवसाइट पर पब्लिश करेंगे। हमारी ईमेंल आईडी है- techzinkk@gmail.com । अधिक जानकारी के लिये CRPF की बेवसाईट पर विजिट करें।

जय हिंद

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